पुणे न्यूज डेस्क: मुंबई और पुणे में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 115 करोड़ रुपये के निर्यात प्रोत्साहन घोटाले का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में एजेंसी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक को मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, गिरोह ने अफ्रीकी देशों को कपड़े भेजकर सरकार की योजनाओं का गलत फायदा उठाया और करोड़ों की अवैध कमाई की।
डीआरआई को जांच में पता चला कि इस रैकेट ने कई फर्जी इम्पोर्टर-एक्सपोर्टर कोड (आईईसी) का इस्तेमाल किया। इनके जरिए अफ्रीकी देशों में कपड़े निर्यात किए गए और बदले में ड्यूटी ड्रॉबैक और आरओएससीटीएल जैसी सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ उठाया गया। दरअसल, गिरोह ने असल में सस्ते और घटिया गुणवत्ता वाले माल को महंगी कीमत दिखाकर निर्यात किया।
जांच के दौरान डीआरआई ने दो शिपमेंट पकड़ीं, जिनमें असली माल की तुलना में काफी कम गुणवत्ता के कपड़े पाए गए। इस तरह से निर्यात कीमत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर भारी भरकम फायदा उठाया गया। एजेंसी को शुरुआती जांच में घोटाले की रकम करीब 115 करोड़ रुपये तक पहुंची।
मुंबई में डीआरआई ने आठ ठिकानों पर छापेमारी भी की, जहां से बड़ी मात्रा में नकली चालान और डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है और इस घोटाले से जुड़े और लोगों की भूमिका सामने आ सकती है।